Sunday, May 2, 2010

KUCHH BUJHTE RANG

कभी अरमानों के खूबसूरत रंगों से एक तसवीर बनाई थी
..तुम्हारे साथ की...
वक़्त के झरने में वो रंग धुल के बह गए तो जाना..
कि वो रंग तो कच्चे थे..
लेकिन आज जब उस तसवीर को गौर से देखा..
तो कुछ कुछ रंग आज भी उतने हि गहरे दिखे..
फर्क सिर्फ इतना था कि पहले वो ज़िन्दगी कि खूबसूरती का हिस्सा लगते थे..
आज वो ज़िन्दगी पर लगे चन्द अनचाहे दाग से ज़्यादा..
..और कुछ नहीं..
ना वो तसवीर मिट हि सकी ना बच हि सकी..
बस कुछ निशान बाक़ी रह गए.

2 comments:

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  2. I like this one - heart touching, sad. Some happenings and losses are irrevocable.

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